Lucknow Blast News: अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका, सुरक्षा पर उठे सवाल
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Lucknow fire news 2025 – अवैध पटाखा फैक्ट्री blast में कई मौतें, प्रशासन पर उठे सवाल। जानें हादसे की पूरी जानकारी और सुरक्षा उपाय।

घटना का विवरण
लखनऊ में 2025 का सबसे बड़ा हादसा सामने आया जब अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाका हुआ। इस illegal factory accident ने कई लोगों की जान ले ली और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। आसपास का पूरा इलाका दहशत में आ गया और लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला।
धमाका कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
धमाका सुबह करीब 10 बजे हुआ। फैक्ट्री के भीतर मजदूर पटाखों की पैकिंग कर रहे थे, तभी अचानक चिंगारी उठी और आग ने पूरे गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों का कहना है कि धमाका इतना तेज था कि आसपास के घरों की दीवारें हिल गईं और खिड़कियों के शीशे टूट गए।
फायर ब्रिगेड और NDRF की कार्रवाई
फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं और करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। राहत और बचाव कार्य में NDRF की टीम को भी लगाया गया, जिसने मलबे से घायलों और मृतकों को बाहर निकाला।
जान-माल का नुकसान
मौतों और घायलों की संख्या
- अब तक 12 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
- 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं।
- कई मजदूर अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
घरों और संपत्ति का नुकसान
धमाके से आसपास के करीब 20 घर प्रभावित हुए। कई घरों की दीवारों में दरारें पड़ गईं और लोगों का सामान जलकर राख हो गया।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई
पुलिस ने फैक्ट्री मालिक और उसके साथियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या, विस्फोटक अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
अधिकारियों की जिम्मेदारी पर सवाल
स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से यह फैक्ट्री चल रही थी। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गवाहों की कहानी
स्थानीय लोगों के बयान
रामनारायण, एक स्थानीय निवासी ने कहा:
“धमाका इतना जोरदार था कि पूरा इलाका दहशत में आ गया। हमारे घर की छत में दरार पड़ गई।”
शिकायतों को अनदेखा करने का आरोप
रेखा देवी, एक अन्य गवाह ने बताया:
“हमने कई बार शिकायत की थी कि यहाँ पटाखे बनते हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी ध्यान नहीं दिया। आज इसका नतीजा सबके सामने है।”
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
बाराबंकी 2021 धमाका
2021 में बाराबंकी जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका हुआ था, जिसमें 8 लोगों की मौत हुई थी।
कानपुर 2023 हादसा
2023 में कानपुर के पास भी इसी तरह का हादसा हुआ था, जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई थी।
कानून और नियम
Explosives Act 1884 और Rules 2008
पटाखा बनाने और बेचने के लिए Explosives Act 1884 और Explosives Rules 2008 लागू होते हैं। इनके तहत लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
रिहायशी इलाकों में फैक्ट्री पर रोक
कानून के मुताबिक रिहायशी इलाकों में किसी भी प्रकार का विस्फोटक निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन अवैध फैक्ट्रियाँ नियमों की अनदेखी कर खुली चल रही हैं।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा मानकों की अनदेखी
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध फैक्ट्रियों में न तो कोई सुरक्षा इंतजाम होता है और न ही कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
मजदूरों की जान पर खेल
इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर अक्सर गरीब होते हैं और जोखिम के बावजूद काम करने को मजबूर रहते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
मुआवजा और राहत पैकेज
सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है।
उच्च स्तरीय जांच
मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
सोशल मीडिया पर गुस्सा
#LucknowBlast ट्रेंड
जैसे ही खबर फैली, सोशल मीडिया पर #LucknowBlast ट्रेंड करने लगा। लोग प्रशासन की लापरवाही पर नाराज़गी जता रहे हैं।
पटाखों पर बैन की मांग
कुछ लोग पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
सुरक्षा पर उठे सवाल
- अवैध फैक्ट्री कैसे चल रही थी?
- प्रशासन को पहले से जानकारी क्यों नहीं थी?
- पुलिस की भूमिका संदिग्ध क्यों है?
- भविष्य में रोकथाम के उपाय क्या होंगे?
आगे क्या होना चाहिए?
अवैध फैक्ट्रियों पर सख्त कार्रवाई
सरकार को अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए और बिना लाइसेंस फैक्ट्रियों को तुरंत बंद करना चाहिए।
मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
नियमित निरीक्षण और निगरानी
प्रशासन को नियमित निरीक्षण और निगरानी करनी चाहिए ताकि ऐसे हादसे रोके जा सकें।
निष्कर्ष
यह पटाखा फैक्ट्री blast 2025 केवल लखनऊ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है। जब तक अवैध कारोबार और प्रशासनिक लापरवाही खत्म नहीं होती, तब तक ऐसे हादसे रुकना मुश्किल है।